अच्छी खबर! किसानों की कमाई होगी दोगुनी, गांवों में ही पैदा होंगे रोजगार के अवसर; सरकार की है ये तैयारी
कृषि मंत्रालय फरवरी, 2021 से 6,865 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ “10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के गठन और उसे बढ़ावा देने की योजना चला रहा है.
किसानों के लिए FPOs खोलेगी सरकार. (Represntative Image: freepik)
किसानों के लिए FPOs खोलेगी सरकार. (Represntative Image: freepik)
केंद्र सरकार सहकारी क्षेत्र में 1,100 नए FPO यानी किसान उत्पादक संगठन स्थापित करेगी, इससे किसानों की बढ़िया कमाई होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के विजन को साकार करने के लिए सहकारी क्षेत्र में 1,100 नए किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने का निर्णय लिया गया है. भारत 10,000 नए FPO के गठन को लेकर लगातार काम कर रहा है. कृषि मंत्रालय फरवरी, 2021 से 6,865 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ “10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के गठन और उसे बढ़ावा देने की योजना चला रहा है."
किसानों को मिलेगा क्या लाभ?
इस संबंध में सहकारिता मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इन अतिरिक्त 1,100 एफपीओ को एफपीओ योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को आवंटित किया गया है. यह पहल सहकारी समितियों को आवश्यक बाजार लिंकेज प्रदान कर किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाने में भी सहायक होगी. यानी इससे किसानों की कमाई में इजाफा होगा. इससे स्पष्ट है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए कई अहम कदम उठा रही है. वहीं इससे पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों में भी विविधता आएगी साथ ही आय के नए और स्थायी स्रोत भी उत्पन्न होंगे.
FPO को मिलेगी वित्तीय सहायता
एफपीओ योजना के तहत प्रत्येक एफपीओ को 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. इसके अलावा, क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठनों को प्रति एफपीओ 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. मंत्रालय ने कहा, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां जो मुख्य रूप से अल्पकालिक ऋण और बीज और उर्वरकों के वितरण में लगी हुई हैं, अब अन्य आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ मधुमक्खी पालन और मशरूम की खेती जैसी उच्च आय वाली गतिविधियों को भी करने में सक्षम होंगी.
FPO के गठन का क्यों लिया गया निर्णय?
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कृषि को आत्मनिर्भर कृषि में बदलने के लिए FPO का गठन का निर्णय लिया गया. इनकी मदद से लागत प्रभावी उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हो होगी और FPO के सदस्य किसानों को उनकी फसल के लिए उच्च शुद्ध आय कमाने का मौका मिलेगा. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा और गांवों में ही ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. ऐसे में किसानों की आय में पर्याप्त सुधार की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना गया है.
कृषि को एक स्थायी उद्यम में बदलने की है योजना
कृषि में आत्मनिर्भरता FPO के माध्यम से कृषि को एक स्थायी उद्यम में बदलने की दिशा में आज चर्चा का विषय बन चुका है और भारतीय किसानों को वैश्विक पहुंच हासिल करने में सक्षम बना रहा है. इस प्रकार भारत आत्मनिर्भर की राह पर आगे बढ़ रहा है.
(PBNS से साभार)
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